Punjab Roadways Strike

पनबस PRTC के कच्चे मुलाजमों के साथ मीटिंग के लिए सरकार का टालमटोल, क्या 30 को हो सकती है फिर से हड़ताल की घोषणा? 

Punjab Roadways Contract Workers Union

पंजाब रोडवेज/पनबस/PRTC/ कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब में रोष की लहर 

लुधियाना/पंजाब : PRTC/Punjab Roadways strike might be announced on Nov 30th 
ये हैं मुलाजमों की मुख्य मांगें 
राज्य अध्यक्ष रेशम सिंह गिल, महा सचिव शमशेर सिंह ढिल्लों, उपाध्यक्ष हरकेश कुमार विक्की, सह-सचिव जगतार सिंह ने बताया कि पनबस (PunBus) और PRTC के कच्चे मुलाजमों की मांगें पिछले लम्बे समय से लटकती आ रही हैं। अधिकारियों की तरफ से इसका कोई हल नहीं निकला जा रहा। कच्चे एवं आउटसोर्सिंग (Contarctual and Outsourcing) कच्चे मुलाजमों को पक्का नहीं किया जा रहा है। इन मुलाजमों का 20-25 करोड़ रूपये सलाना (Annual) GST तथा कमीशन के रूप में नाजायज़ लूट, ठेकेदार के कारण  हो रही है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री के बयानों के उल्ट PRTC तथा पनबस में ओउटसॉसिंग पर नाजायज़ भर्तियां की जा रही हैं। प्राइवेट मालिकों की किलोमीटर स्कीम के तहत बसें लेने का रुझान बढ़ रहा है, जिस से निजी मालिक को हर महीने 1 बस के पीछे 1 से डेढ़ लाख की लूट की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही 6 वर्षों में ये बसें निजी मालिकों के हाथों में चली जाएँगी। इस स्कीम के तहत रोडवेज का निजीकरण किया जा रहा है। पिछली पे-कमीशन के तहत जारी तनख्वाह सभी मुलाजमों पर लागू नहीं की गई। इस वर्ष के 10वें महीने में भी हर वर्ष की जाने वाली 5% की बढ़ोतरी (Increment) भी नहीं की गई। नाजायज शर्तों पर निकाले गए मुलाजमों को अभी तक बहाल नहीं किया गया। पंजाब की आबादी (Population) के अनुरूप बसों की गिनती कम से कम 10 हज़ार तक की जाये। इन मांगो को लेकर यूनियन लगातार संघर्ष कर रही है, जिस कारन वर्कर्स पर नाजायज़ आरोप भी लग रहे हैं। 
 
मांगें न मानने की सूरत में संघर्ष होगा और तीखा 
सरकार और अफसरशाही मुलाजमों के साथ धक्केशाही कर रही है। पिछले दिनों भी इन्ही कारणों के कारण हड़ताल व् रोष प्रदर्शन किया गया था, जिसके मद्देनज़र खरड़ प्रशासन द्वारा 24 नवंबर को ट्रांसपोर्ट मंत्री के साथ मीटिंग तेह करवाई गई थी। लेकिन ट्रांसपोर्ट मंत्री पंजाब की तरफ से मीटिंग नहीं की गई। पिछली कई मीटिंग्स लिखती रूप में समय देने के बावज़ूद भी रद्द की गई हैं, 14 नवंबर को 7 दिन के अंदर मामले का लिखती हल देने का अल्टीमेटम भी जारी किया गया था, पर अभी तक उस पर अमल नहीं किया गया। इन्ही कारणों के चलते 30 नवंबर को समस्त डिपुओं के सामने गेट रैली करके संघर्ष को और तीखा किया जायेगा, पोस्टपोन की गई हड़ताल (Strike) को दुबारा बहाल भी किया जा सकता है।